AC power supply
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सिंगल फेस में 220 वोल्ट होता है तो थ्री फेस में 660 वोल्ट क्यों नहीं होता है?
आपके अनुसार सिंगल फेज में 220 वोल्ट होता है तो थ्री फेज में 220×3 अर्थात 660 वोल्ट होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है। तो चलिए समझते हैं।
जब हम सिंगल फेज की बात करते हैं तो इसका अर्थ होता है दो तार अर्थात एक फेज और एक न्यूट्रल। सिंगल फेज वोल्टेज का अर्थ है फेज तार और न्यूट्रल तार के बीच का वोल्टेज और इसकी एक निश्चित RMS वैल्यू होती है।
जब हम थ्री फेज की बात करते हैं तो इसमें तीन फेज तार होते हैं अर्थात R,Y,B तथा एक न्यूट्रल तार N होता है। थ्री फेज सिस्टम में दो तरह के वोल्टेज होते हैं। इसमें एक लाइन वोल्टेज होता है और दूसरा फेज वोल्टेज होता है। लाइन वोल्टेज का अर्थ है किसी दो फेज तारों के बीच का वोल्टेज अर्थात यह R और Y, Y और B तथा R और B के बीच का वोल्टेज है। इसकी एक निश्चित RMS वैल्यू होती है जो तीनों फेजों के लिए बराबर होती है। थ्री फेज सिस्टम में फेज वोल्टेज का अर्थ है किसी एक फेज तार और दूसरा न्यूट्रल तार के बीच का वोल्टेज अर्थात यह R और N, Y और N तथा B और N के बीच का वोल्टेज है। इसकी भी निश्चित वैल्यू होती है।
क्यों की सिंगल फेज सिस्टम और थ्री फेज सिस्टम दोनों ही AC सप्लाई पर चलते हैं। AC supply में जितनी भी राशियां होती हैं जैसे करंट, वोल्टेज आदि उनका कैलकुलेशन सामान्य बीजगणित के नियमों के अनुसार नहीं होता है। इसका कारण यह है कि ऐसी राशियां सदिश राशियों की तरह व्यवहार करती हैं इसलिए इनके कैलकुलेशन में सदिश बीजगणित का उपयोग किया जाता
थ्री फेज सिस्टम में लाइन वोल्टेज और फेज वोल्टेज के बीच एक निश्चित संबंध है जो सदिश बीजगणित का उपयोग करके निकाला गया है। यह संबंध इस प्रकार से है
लाइन वोल्टेज = √3 × फेज वोल्टेज
इसके आधार पर यदि फेज वोल्टेज 220 वोल्ट है तो लाइन वोल्टेज √3 × 220 अर्थात लगभग 381 वोल्ट होगा। इस प्रकार आप देख सकते हैं कि अगर सिंगल फेज वोल्टेज 220 वोल्ट है तो थ्री फेज वोल्टेज 381 वोल्ट है न कि 660 वोल्ट।
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