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33 kv aur 11kv me aantar kya hai

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33 केवी और 11 केवी    में क्या अंतर है   33kV से 11kV - प्रक्रिया  ↴ 33kV से 11kV ट्रांसफार्मर वोल्टेज को एक सुरक्षित स्तर तक ले जाते हैं, जिसे बाद में 11kV फीडरों के माध्यम से घरों और व्यवसायों में वितरित किया जाता है। बहुत से लोग सवाल करते हैं कि वोल्टेज 33kV जितना ऊंचा क्यों है। कारण यह है कि ट्रांसमिशन वोल्टेज जितना अधिक होगा, ट्रांसमिशन लॉस उतना ही कम होगा।   इसलिए, जितनी लंबी दूरी तक बिजली को स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है, ट्रांसमिशन हानियों को कम करने के लिए एक उच्च वोल्टेज का उपयोग किया जाता है। एक बार जब यह एक सबस्टेशन पर पहुंच जाता है, तब वोल्टेज को नीचे ले जाया जाता है। जॉनसन एंड फिलिप्स में, हम उच्च वोल्टेज अनुप्रयोगों की एक श्रृंखला से निपटते हैं, जिन्हें ऐसे वोल्टेज को संभालने के लिए एक अनुभवी टीम की आवश्यकता होती है। 11kV लाइनों का उपयोग आवासीय क्षेत्रों में किया जाता है और यह स्थानीय ट्रांसफार्मर को खिलाता है, जो तब क्षेत्र में इमारतों को बिजली वितरित करता है। दूसरी ओर 33kV लाइनों में बहुत अधिक वोल्टेज शामिल होते हैं और इनका उपयोग एक छोटे...

PLC क्या होता है aur kitane prakar ke hote hai

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 PLC क्या होता है? यह एक प्रकार का इंडस्ट्रियल कंप्यूटर होता है जिसका उपयोग इंडस्ट्री में संचालित होने वाली मशीन को स्वतः नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। पीएलसी (PLC) ऑफिस कार्य में उपयोग होने वाले कंप्यूटर से बिल्कुल भिन्न होते है। इसे Programmable Controller भी कहा जाता है। ये इंडस्ट्री में उत्पादन क्षमता को बढाने के लिए उपयोग किये जाते है। ये पहले से दिए गए इंस्ट्रक्शन अर्थात निर्देश के अनुसार अपने कार्य को शुद्धता के साथ तेजी से पूरा करते  PLC का पूरा नाम क्या होता है? PLC का पूरा नाम Programmable Logic Controller होता है। अर्थात यह एक प्रकार का कंट्रोलर होता है जो किसी भी कार्य को पहले से दिए गए लॉजिकल निर्देश(Logical program) के मदद से संचालित करता है।  PLC के मुख्य भाग क्या होते है? जैसे एक साधारण कंप्यूटर बहुत से कॉम्पोनेन्ट जैसे CPU ,मॉनिटर ,कीबोर्ड आदि को आपस में जोड़कर तैयार किया जाता है वैसे ही PLC में भी बहुत से बाहरी कॉम्पोनेन्ट को आपस में जोड़कर तैयार किया जाता है। पीएलसी को तैयार करने में उपयोग किये जाने वाले सभी कॉम्पोनेन्ट को PLC का Architecture कहते ह...

यूपी में बिजली बिल का रेट क्या है#ek unit ka kitana rupaye hote hai

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बिजली बिल कितने रुपए यूनिट है बिजली बिल कितने रुपए यूनिट है : अगर हमारे घर बिजली कनेक्शन लगा है, तो प्रति माह बिजली बिल जरूर आता होगा। ये बिल हमें प्रति यूनिट रेट के अनुसार भेजा जाता है। सभी राज्यों ने अपने – अपने अनुसार प्रति यूनिट बिजली की कीमत तय किये है। इसके साथ ही घरेलु कनेक्शन और व्यवसायिक कनेक्शन के लिए प्रति यूनिट बिजली की  कीमत अलग – अलग निर्धारित है। अगर आप एक उपभोक्ता है तो आपको बिजली का बिल कितने रुपये यूनिट है इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए।   इस टेबल के जरिये जानते है                                                       लोगों ने यह भी पूछा यूपी में 1 यूनिट वाणिज्यिक बिजली की लागत क्या है? एक यूनिट में कितना बिल बनता है? एक पंखा 24 घंटे में कितना बिजली खपत करता है? 2 किलोवाट बिजली का बिल कितना आता है

कितने mm के WIRE पर कितना AMPERE लोड दे सकते हैं #% 2023

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  आज हम बात करेंगे वायर साइज और लोड एंपियर के आवश्यकतानुसार सही केवल और सही एंपियर को हम कैसे चुनेंगे जिससे कि आनेवाले फ्यूचर में आपका वायर ज्यादा लोड के वजह से वायर खराब ना हो      सबसे पहले बात कर लेते हैं  की करंट कितने टाइप के होते हैं    पहला डायरेक्ट करंट DC    दूसरा अल्टरनेटिव करंट  AC     AC या DC  लोड या एंपियर के बेस पर कितने Mm का वायर यूज़ करना है अक्सर लोगों को यह कंफ्यूजन होता     है           

one phse aur tree phase me antar$1फसे और 3 फेज में अंतर

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  AC power supply   👇 single phase power supply tree phase power supply सिंगल फेस में 220 वोल्ट होता है तो थ्री फेस में 660 वोल्ट क्यों नहीं होता है?  आपके अनुसार सिंगल फेज में 220 वोल्ट होता है तो थ्री फेज में 220×3 अर्थात 660 वोल्ट होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है। तो चलिए समझते हैं। जब हम सिंगल फेज की बात करते हैं तो इसका अर्थ होता है दो तार अर्थात एक फेज और एक न्यूट्रल। सिंगल फेज वोल्टेज का अर्थ है फेज तार और न्यूट्रल तार के बीच का वोल्टेज और इसकी एक निश्चित RMS वैल्यू होती है। जब हम थ्री फेज की बात करते हैं तो इसमें तीन फेज तार होते हैं अर्थात R,Y,B तथा एक न्यूट्रल तार N होता है। थ्री फेज सिस्टम में दो तरह के वोल्टेज होते हैं। इसमें एक लाइन वोल्टेज होता है और दूसरा फेज वोल्टेज होता है। लाइन वोल्टेज का अर्थ है किसी दो फेज तारों के बीच का वोल्टेज अर्थात यह R और Y, Y और B तथा R और B के बीच का वोल्टेज है। इसकी एक निश्चित RMS वैल्यू होती है जो तीनों फेजों के लिए बराबर होती है। थ्री फेज सिस्टम में फेज वोल्टेज का अर्थ है किसी एक फेज तार और दूसरा न्यूट्रल तार के बीच का वो...

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