अर्थिंग क्या है /how to arthing
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प्रत्येक भवन में वैद्युतिक वायरिंग की स्थापना के अन्तर्गत एक ' अर्थ ' भी अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाता है । ' अर्थ ' की स्थापना मनुष्य के जीवन , भवन एवं मशीनों की सुरक्षा की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी विद्युत चालित मशीनो , उपकरणों , स्टार्टर्स , मेन - स्विचेज आदि के धात्विक आवरणों को ' अर्थ ' किया जाता है । इस प्रकार , ' अर्थ ' वह साधन है जो विद्युत चालित मशीन / उपकरण आदि मे फेज तार के उसके धात्विक आवरण से स्पर्श कर जाने की स्थिति में मनुष्य को विद्युत झटके से बचाता है । अर्थ ' संयोजन का प्रतिरोध बहुत कम होता है और इसीलिए ' लीकेज धारा ' पृथ्वी में चली जाती है । । जिनका वर्णन निम्नवत् है
अर्थिंग के प्रकार
आपने गौर किया होगा कि किसी उपकरण के कनेक्शन वायर के प्लग में सिर्फ 2 पिन ही होती है जबकि किसी उपकरण के प्लग में 3 पिन भी लगी होती है। ऐसे 3 प्लग वाले उपकरण के प्लग के 2 कनेक्शन पिन इनपुट सप्लाई के लिए होते हैं जबकि तीसरा पिन भू तार कनेक्शन के लिए होता है।
प्लेट अर्थिग कैसे करते है ↴
देखें चित्र ।
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आवश्यक सामग्री Essential Material
प्लेट भू - संयोजन में निम्न सामग्री प्रयोग की जाती है
भू - संयोजन प्लेट Earthing Plate
आकार -60 सेमी x60 सेमी
मोटाई
ताँबे की प्लेट के लिए 3.15 मिमी तथा जी . आई . प्लेट के
लिए 6.30 मिमी ।
भू - संयोजन तार Earthing Wire
8SwG जी.आई. तार ।
भू - संयोजन जी . आई . पाइप Earthing GI Pipe
12.7 मिमी व्यास । भू - संयोजन तार , इसी पाइप में स्थापित किया जाता है ।
जी.आई. पाइप GI Pipe
19.5 मिमी व्यास ( 1.2 मी लम्बा ) इसका उपयोग ' अर्थ ' में नमी बनाये रखने हेतु जल डालने के लिए किया
जाता है ।फनल Funnel
तार की जाली से बने फिल्टर
सहित । स्थापना के समय फनल का ऊपरी सिरा , भूतल से 5 से 10 सेमी उभरा हुआ रखना चाहिए ।
कास्ट आयरन ढक्कन Cast Iron Cover\
30 सेमी x30 सेमी ।
नमक व चारकोल Salt and Charcoal
डलेदार नमक एवं चारकोल (
कच्चा कोयला ) चूर्ण ।
नट - बोल्ट Nut - Bolt
50 मिमी x30 सेमी , ताँबे की प्लेट के साथ तांबे के तथा जी.आई. प्लेट के साथ जी . के
प्रयोग करने चाहिए ।
नलिका भू - संयोजन Pipe Earthing
यह विधि सभी प्रकार के स्थानों पर प्रयोग की जा सकती है । इसमें लगभग 30 सेमी x 30 सेमी आकार का गडढा , भूतल में से 4.0 मीटर गहराई तक खोदा जाता है । इसे गड्ढे में भू - संयोजन तार लपेटकार जी.आई. वाशर तथा सकिट से कस दिया जाता है । संयोजन पाइप के चारों ओर 15 सेमो ० चौड़ाई में नमक के डले तथा चारकोल चूर्ण को पर्ने जमा दी जाती है । गड्ढे में जल डालने के लिए पाइप तथा फनल लगाकर गड्ढे को मिट्टी से भर दिया जाता है और फनल के चारों ओर लगभग 30 सेमी x 30 सेमी x 30 सेमी आकार का सीमेन्ट - कंक्रीट बॉक्स बनाकर , कास्ट - आयरन के ढक्कन से ढक दिया जाता है और ' अर्थ ' उपयोग के लिए तैयार हो जाता है ,
चित्र
आवश्यक सामग्री Essential Material
पाइप भू - संयोजन में निम्न सामग्री प्रयोग की
जाती है
जी . आई . पाइप GI Pipe .
38 मिमी व्यास , 2.5 मी लम्बा
जिसमें 12 मिमी व्यास के अनेक छिद्र बनाये हुए हों ।भू -
संयोजन तार Earthing Wire
8SWG जी.आई. तार ।
भू- संयोजन जी.आई.पाइप Earthing GI Pipe
12.7 मिमी व्यास । भू - संयोजन तार , इसी पाइप में स्थापित किया जाता है ।
जी.आई.पाइप GI Pipe
19.5 मिमी व्यास 95 सेमी लम्बा । इसका उपयोग ' अर्थ ' में नमी बनाये रखने हेतु जल डालने के लिए किया
जाता है ।
फनल Funnel
तार की जाली से बने फिल्टर सहित । स्थापना के समय
फनल का ऊपरी सिरा , भूतल से 5 से 10 सेमी भरा हुआ रखना चाहिए ।
कास्ट आयरन ढक्कन Cast Iron Cover
30 सेमी x 30 सेमी ।
नमक व चारकोल Salt and Charcoal
डलेदार नमक तथा चारकोल पूर्ण ।
जी.आई. वाशर तथा सॉकेट GI Washer and Socket
12.7 मिमी आन्तरिक व्यास ।
भू- संयोजन क्षरण परिपथ वियोजक Earth Leakage Circuit Breaker
ELCB MCB के द्वारा किसी उपकरण अथवा लाइन की ओवरलोड धारा से
सुरक्षा की जा सकती है परन्तु ,
' अर्थ ' में धारा लीकेज अथवा अन्य ' अर्थ ' दोष से नहीं । धात्विक खोलयुक्त वैद्युतिक उपकरणों , यन्त्रों , मशीनों आदि में यदि सजीव चालक ( live conductor ) आंशिक रूप से धात्विक खोल को स्पर्श करने लगे तो
लीकेज धारा के कारण आपरेटर को गम्भीर विद्युत झटका ( electric shock ) लग सकता है । ऐसी स्थिति में सुरक्षा प्रदान करने
वाली युक्ति ELCB कहलाती है । यह युक्ति ' रिले ' की भाँति धारा अथवा वोल्टेज चालित प्रकार की होती
है और केवल 100 मिली एम्पियर लीकेज धारा पर ही प्रचालित हो सकती
है । उपकरण में ' अर्थ ' दोष अथवा ' लीकेज ' उपस्थित होने पर , ELCB लाइन को
ऑफ कर उपकरण को विद्युत स्रोत से पृथक्कृत कर देती है । टिप्पणी भू - संयोजन के
सम्बन्ध में I.S. 3043-1966 में दिये गए निर्देशों का अनुपालन करना चाहिए ।
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